चापलूसी ( एक समझदारी )

हम लोगों के माता-पिता हमसे ज्यादा अच्छे से जीवन जी सकें , क्योंकि वो हम से ज्यादा समझदार थे। एक गांव मे एक succesful इंसान होता तो , जब रोड पर चल रहा होता , तो लोग उन्हें cross नहीं करते या , फिर चप्पल उतार कर खड़े हो जाते। यह सब इसलिए नहीं होता क्योंकि वो बड़े आदमी हैं , यह एक तरीका था अपने आपको notice में लाने का, पहले एक दो दिन शायद वो notice ना भी करे , परन्तु जब रोज होने लगता तो वो अपने साथ वाले से जरूर पुछते , कौन है यह तब उन्हें पता चलता। यह गांव की बेटी है , बेटा है , या बहू है , अब हजारों की संख्या में सबको याद रखना possiable नहीं है , इसलिए यह तरकीब अपनाई जाती। अब जब routine टुटता तो उन्हें पता चलता , तब भी उन्हें पता चलता , now come to telepathy जब हम मुश्किल होते है , तो हम भगवान को मैसेज भेजते है , तब कोई ना कोई नजर डालने आ ही जाता है , आखिर routine क्यों टुट रहा है। ——————————————————————————आज के जमाने मे आप लोग यह तरकीब , अपने teacher या professor के साथ करके check कर सकते है।

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