हम इस TOPIC पर POST भी डाल देंगे वह INDIAN HISTORY PAGE पर लिंक भी देंगे ताकि आप जब चाहें तब IMPORTANT QUESTION पढ सके । 1—- बुद्धिमान व्यक्ति {wise man} यह लैटिन भाषा का शब्द है , इसका सवऺप्रथम प्रयोग कालऺ लिनिअस { CARL Linnaeus } द्वारा किया गया था। 2—- होमो सेपियंस —- यह प्रजाति वर्तमान मानव प्रजाति है , जो लगभग 30000 वर्ष पहले अस्तित्व में आयी, इसकी दो विशेषताएं हैं 1— उभरी हुई ठोड़ी { protruding chin } का विकास , 2— खोपड़ी का पश्चभाग गोलाकार । ——————————————————————————पत्थर के औजार बनाने और इसका इस्तेमाल किए जाने का सबसे प्राचीन साक्ष्य इथोपिया और केन्या से मिला है । सबसे पहले पाषाण औजार बनाने का श्रेय होमो हैबिलस प्रजाति को दिया जाता है । पाषाण उपकरणों के क्रमिक चरण —— 1— ओल्डोवान { oldowan } 2— ऐबीवेली { abbevillian } 3— एशूली { acheulean } 4— क्लेक्टोनियन { clactonian } 5— ल्वोलवाई { levollais } 6— माइकोक्युइन { micoquien } 7— मोस्तारी { mousterian } —————————–


ओल्डोवान {oldowan} इसे mode — one भी कहा जाता है । यह होमो हैबिलस { homo habilis } से सम्बंधित संस्कृति है । इसकी खोज तंजानिया स्थित ओल्डुवाई गोर्ज { olduvai gorge } से लुई लीके { louis leakey } ने 1930 के दशक मे की । इसका काल 26 लाख से 17 लाख वर्ष पहले का है । —————————– ऐबीवेली {abbevillian } —- यह यूरोप की सबसे पुरानी पाषाण औजार संस्कृति है, लेकिन यह सिर्फ यूरोप तक ही सीमित रही । इसका काल 6 लाख से 4 लाख वर्ष पहले का है । ———————————- एशूली/ एश्यूलियन [acheulean ] —- इसे mode second भी कहा जाता है। फ्रांस के सेन्ट एशुल { saint acheul } से प्राप्त औजारों के आधार पर इसका नाम एशूली रखा गया । भारत में एश्यूलियन संस्कृति के उपकरण सवऺप्रथम मद्रास के समीप अतिरम्पक्कम { athirampakkam} से प्राप्त हुए, इसलिए इसे मद्रास संस्कृति भी कहा जाता है । मद्रास संस्कृति नाम कृष्णास्वामी ने दिया । ———————————- क्लेक्टोनियन {clactonian} —- यह संस्कृति संभवतः एशूली संस्कृति के साथ साथ कुछ समय तक पनपती रही ———————————- ल्वोलवाई {levollais } —- ल्वोलवाई पेरिस के पास एक स्थान है , जहां से फ्लिण्ट पत्थरों के पाषाण कालीन औजार मिले हैं , ल्वोलवाई पत्थरों से औजार बनाने की विधि है। यह पाषाण औजार संस्कृति 3 लाख से 1 लाख वर्ष पहले की है , पाकिस्तान में सोहन नदी घाटी के औजार ल्वोलवाई तकनीक के है , तमिलनाडु में अतिरम्पक्कम एवं महाराष्ट्र मे नेवासा से भी इस तरह के औजार मिले हैं ———————————- माइकोक्युइन {micoquien } —- इस पाषाण औजार संस्कृति की खोज फ्रांस के ला माइको { la micoque} स्थल से हुई , इसका समय 1,30000 वर्ष से 60000 वर्ष पहले का है। इसकी खोज ऑटो हौसर { otto hauser} ने की। ——————————— मोस्तारी {mousterian} — यह निएंडरथल मानव के पाषाण औजार की संस्कृति है, जो 1 लाख 60 हजार वर्ष से 40 हजार वर्ष पहले की है , यह मध्य पुरापाषाण काल का समय है। ——————————————————————————#history #stoneage #competitionexamnotes #notes #historynotes #sabziimandi

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