त्रिकाल —- 1– पाषाण { stone age } , 2— कांस्य {bronze }, लौह {iron age } सबसे stone age आया , इंसान पत्थरों के औजार के साथ जिना सीख रह था। समय थोडा upgrade हुआ , इंसान ने कांस्य की खोज की , फिर कांस्य के बर्तन , व सिक्के चलन में आए। समय थोडा और upgrade हुआ लौहे का आविष्कार , यह ज्यादा पुराना समय नहीं है , इससे हम थोडा relate कर सकते हैं , अभी steel age बोल सकते है। —————————————————————————— पुरापाषाण काल — इस काल की सबसे क्रांतिकारी घटना हथियारों का आविष्कार है। पुरापाषाण काल — पुरापाषाण काल के लोग नेग्रिटो { negrito } जाति के थे। राॅबर्ट ब्रूस फूट को भारतीय प्रागैतिहासिक पुरातत्व का पिता { father of indian prehistoric archaeology } भी कहा जाता है। —————————————————————————— तमिलनाडु में मिले निम्न पुरापाषाण काल के स्थान 1— पल्लवरम — राॅबर्ट ब्रूस फुट ने 1863 ईस्वी में इसकी खोज की । 2— अतिरम्पक्कम — राॅबर्ट ब्रूस फुट एवं विलियम किंग ने इसकी खोज की। 3— वदमदुरै {vadamaddurai} 4— मानजानकारनई { manjankaranai} ——————————————————————————लौह युग —- भारत में लौह का प्राचीनतम प्रमाण गंगा की सहायक काली नदी के किनारे स्थित अतरंजीखेडा { एटा उतर प्रदेश } से मिला है, जिसकी खोज 1861-62 ईस्वी में { alexander cunnigham } ने की तथा यहां खुदाई कार्य { r.c.gaur } के नेतृत्व में हुआ । भारत में मध्यप्रदेश की अगरिया { agariya } नामक जनजाति आदिमकाल से ही देशी तकनीक से लौह तैयार करती थी । राजस्थान में लोहे का प्राचीनतम साक्ष्य आहड से प्राप्त हुआ है ——————————————————————————कुछ महत्वपूर्ण बिंदु — AI पर थोडा पढ लेना 1— { ocp — ochre coloured pottery } 2— अतरंजीखेडा ( उत्तर प्रदेश } 3— PGW { painted grey ware } ——————————————————————————#STONEAGE #BRONZE #IRONAGE #INDIANHISTORY #COMPETITIONEXAM #EXAM #SABZIIMANDI

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