आज के OTT के युग मे फिल्म का उदाहरण देकर समझा रहा हूँ, क्योंकि आप खुद उसे देखकर समझ पाऐंगे की हम क्या कहना चाह रहे है।

सबसे पहले हम शाहरुख़ का उदाहरण लेते हैं, वह इतना बड़ा स्टार क्यों है acting तो और भी लोग करते हैं।

आप जवान फिल्म को देखीऐगा जब आप जवान फिल्म देख रहे होंगे तब आप सुपर स्टार शाहरुख़ को नही बल्कि उस फिल्म के किरदार विक्रम राठौड़ को देखेंगे, आपको उस पल यह एहसास नही होगा अरे यार यह तो अपना शाहरुख़ है।


अब चलते हैं अप्रूवा करके एक फिल्म आई, फिल्म अच्छी है, कलाकार भी अच्छे है हम किसी की बुराई या गलती नही निकाल रहे है बस एक उदाहरण देकर समझा रहे है की दौनो के काम मे क्या फर्क है।

सीन नम्बर एक — आप देखना इस फिल्म में किडनैप करने के बाद जब हिरोइन को कार रोककर डिक्की से बहार निकाला जा रहा है उस सीन को थोड़ा ध्यान से देखीऐगा शायद आपको थोड़ा फर्क नजर आए।

सीन नम्बर दो — जब हिरोइन रेलगाड़ी के डिब्बे मे रेंगकर बचकर निकलने का प्रयास कर रही है।

Note — हम यहाँ किसी को compare नही कर रहे एक के पास सालों का अनुभव है और एक नई ऐक्टर

हम बस काम को काम दिखने के लिए कितनी सफाई की जरूरत पडती है उसको यहाँ बताने की कोशिश कर रहे।

हम रोज सीखते हैं हम कोई ज्ञानी नही है बस अपना अनुभव साझा कर रहे हैं, शायद किसी के थोड़ा काम आ जाए।

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