आज सुबह अखबार खोला तो एक फिर एक बुरी खबर पढने को मिली।
अब अगर कोई छोटी सी बात के लिए अपनी किमती जिंदगी खराब कर दे तो यह तो घाटे का सोदा है और हमने तो फायदा कराने का ठेका ले रखा है तो हम यह घाटा नही देख सकते।
यह तो हो गई मजाक की बात, अब थोड़ा serious हो जाते है।
ऐसी अप्रिय घटना फिर ना हो उसके लिए हमे कदम उठाने चाहिए।
एक तो हमे विधालय मे बच्चों को जीवन मे कठिनाई आऐगी यह बताना होगा, बिना कठिनाई के जीवन होता ही नही है इस बात को जितना जल्दी बच्चों को पढा और समझा देंगे उतना अच्छा है।
शायद फिर बच्चे छोटी छोटी बात और कठिनाई आने पर गलत कदम ना उठाए।
हम यह कैसे कर सकते हैं, प्रेरणा दायक कहानियों को बता कर, महाराणा का struggle बता कर, शिवाजी की चतुराई बता कर, कलाम साहब की जीवनी सुना कर।
यह हम विधालय से शुरू करके, अखबार मे एक कालम रखकर, न्यूज़ चैनल मे एक प्रोग्राम रखकर बच्चों को कहानी सुना कर उन्हें और उनके दिमाग मे यह बैठा कर की कठिनाई ही जीवन का दुसरा नाम है, हमे हारना नही है, बल्कि उसका हल निकाल कर आगे बढ़ना है।
Note — हम कोई जानकार नही है हम तो बस अपना view रख रहे है, इसमें सुधार की गुजांईश हमैशा है।