हम सारी उम्र जिंदगी की दौड़ धूप मे निकाल देते है, जिंदगी मे ऊचां मकाम पाने की खातिर शहरो की धूल खाते फिरते है। इसमे कोई गलत कुछ नही है।
पर जब थक जाएं तो कोई तो ठीकाना होना चाहिए ना जहाँ आराम से स्वास ले सके।
अब काम की बात पर आते हैं, जब जिंदगी की दौड़ मे सफलता हासिल हो जाए तो इतना तो कर ही सकते हैं की अपने लोगों को इतना बता सके की शुरुआत कहाँ से करनी है। क्या पता आपको भी जिंदगी जीने का नया मकसद ही मिल जाए।
आप जब ऊंचे पद से रिटायर होते है तो समाज मे आपको अपने आप सम्मान दिया जाता है, लोग आपकी बात को सुनते हैं तवज्जो देते हैं। आपको आपके काम ने या मेहनत ने पुरस्कृत किया होता है।
अब आप अगर गाँव मे यह बोलेंगे की बच्चो को पढाई करनी चाहिए तो शायद किसी एक बच्चे के मां बाप आपकी बात सुनकर और समझकर अपने बच्चे को पढ़ने भेज दे।
यह एक उदाहरण है आप अपने गाँव में रहकर या थोड़ा समय देकर वो सब सुविधा मुहिया करवा सकते हैं जो गाँव मे नही है।
आपको सरकार और सरकारी काम का अंदाज़ा होता है, आपके पास अनुभव होता है, बाकी दस रिटायर्ड सरकारी अफसर किसी काम को करना चाहे तो गाँव मे क्या नही कर सकते है।
Note — हम ना तो जानकार है और ना ही हमे कोई खास अनुभव है,